Budget 2024 Impact On Stock Market | Budget 2024 Highlights In Hindi

Budget 2024 Highlights In Hindi

भारत की आर्थिक रीढ़ समझा जाने वाला बजट, हर साल देश की आर्थिक दिशा तय करता है। बजट 2024 भी इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इसमें सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए अपनी खर्च और राजस्व योजनाओं की रूपरेखा पेश की।

बजट का व्यापक प्रभाव होता है, जो आम जनता से लेकर उद्योग जगत तक सभी को प्रभावित करता है। इस लेख में हम बजट 2024 की प्रमुख घोषणाओं, उनके संभावित प्रभावों और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर का विश्लेषण करेंगे।

बजट 2024 में सरकार ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। यहां कुछ प्रमुख बिंदु हैं:

  • कृषि क्षेत्र पर फोकस: किसानों की आय बढ़ाने, कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने और कृषि तकनीक को अपनाने पर जोर दिया गया।
  • युवाओं पर ध्यान: रोजगार सृजन, शिक्षा, कौशल विकास और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने की योजनाएं बनाई गईं।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: सड़क, रेलवे, हवाई अड्डों, जल संसाधन और ऊर्जा क्षेत्र में बड़े निवेश की घोषणा की गई।
  • स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार: स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने और दवाइयों की कीमतों को नियंत्रित करने के उपाय किए गए।
  • शिक्षा पर जोर: शिक्षा के स्तर को उन्नत करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के विकास पर ध्यान दिया गया।
  • डिजिटल इंडिया: डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और डिजिटल सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए पहल की गई।
  • सामाजिक कल्याण: गरीबी उन्मूलन, महिला सशक्तिकरण, आदिवासी कल्याण और दिव्यांगजन सशक्तिकरण पर ध्यान दिया गया।
  • कर सुधार: कुछ करों में राहत दी गई जबकि कुछ पर बोझ बढ़ाया गया।
  • राज्यों को अधिक अधिकार: राज्यों को अधिक वित्तीय स्वायत्तता देने के लिए कदम उठाए गए।

ये केवल कुछ प्रमुख बिंदु हैं। बजट में कई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की गई हैं।

बजट 2024: शेयर बाजार पर क्या असर?

बजट 2024 ने भारतीय शेयर बाजार पर काफी असर डाला है। कुछ प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान दें:

सकारात्मक प्रभाव:

  • निवेश को बढ़ावा: सरकार ने कुछ सेक्टर्स में निवेश को बढ़ावा देने की घोषणा की है, जिससे संबंधित शेयरों में तेजी आ सकती है।
  • कर में राहत: कुछ कर में राहत देने की घोषणा से कंपनियों की प्रॉफिट बढ़ सकती है, जिसका सकारात्मक असर शेयर बाजार पर पड़ सकता है।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस: सरकार का इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस से संबंधित सेक्टर्स जैसे सड़क, रेलवे, बिजली आदि के शेयरों में तेजी आ सकती है।

नकारात्मक प्रभाव:

  • टैक्स में बढ़ोतरी: कुछ सेक्टर्स पर टैक्स बढ़ाने की घोषणा से संबंधित शेयरों में गिरावट आ सकती है।
  • महंगाई का दबाव: बजट में की गई कुछ घोषणाओं से महंगाई बढ़ सकती है, जिसका नकारात्मक असर शेयर बाजार पर पड़ सकता है।
  • वैश्विक परिस्थितियां: वैश्विक स्तर पर होने वाले आर्थिक बदलाव भी शेयर बाजार पर असर डाल सकते हैं।

सकारात्मक प्रभाव वाले सेक्टर्स

  • इन्फ्रास्ट्रक्चर: सरकार की इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर जोर देने की नीति से सड़क, रेलवे, बंदरगाह, बिजली, सिंचाई आदि से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई है।
  • कैपिटल गुड्स: इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस के कारण कैपिटल गुड्स सेक्टर की कंपनियों को भी लाभ मिलने की उम्मीद है।
  • ऑटोमोबाइल: सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की योजनाओं से ऑटोमोबाइल सेक्टर के शेयरों में सकारात्मक रुझान देखने को मिल रहा है।
  • फार्मा सेक्टर: सरकार की स्वास्थ्य क्षेत्र पर ध्यान देने से फार्मा सेक्टर को भी लाभ मिल सकता है।
  • आईटी सेक्टर: सरकार की डिजिटलाइज़ेशन पर जोर देने से आईटी सेक्टर के शेयरों में सकारात्मकता देखी गई है।

नकारात्मक प्रभाव वाले सेक्टर्स

  • FMCG सेक्टर: कुछ टैक्स बढ़ोतरी के कारण FMCG सेक्टर पर दबाव बढ़ सकता है।
  • बैंकिंग सेक्टर: NPA की समस्या और बढ़ती ब्याज दरों के कारण बैंकिंग सेक्टर पर दबाव बना रह सकता है।
  • तेल और गैस सेक्टर: अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव और सरकार की नीतियों के आधार पर इस सेक्टर में अस्थिरता रह सकती है।

अन्य महत्वपूर्ण बिंदु

  • महंगाई का प्रभाव: बजट में की गई कुछ घोषणाओं से महंगाई बढ़ने की आशंका है, जिसका नकारात्मक प्रभाव शेयर बाजार पर पड़ सकता है।
  • वैश्विक परिस्थितियां: अमेरिकी अर्थव्यवस्था, व्यापार युद्ध और अन्य वैश्विक घटनाक्रम भी भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित करते रहेंगे।
  • चुनावी साल: आगामी चुनावों की वजह से भी बाजार में अस्थिरता रह सकती है।

निष्कर्ष:

बजट 2024 एक महत्वाकांक्षी दस्तावेज है जो भारत को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करता है। इन्फ्रास्ट्रक्चर, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों पर जोर देते हुए सरकार ने आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन और सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता दी है। हालांकि, बजट की सफलता अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं, वैश्विक परिस्थितियों और सरकार की कार्यान्वयन क्षमता पर निर्भर करेगी।

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